एस्टेफ़ानिया गुटिरेज़ लाज़ारो
भूतिया में आज की कहानी है एस्टेफ़ानिया गुटिरेज़ लाज़ारो की। एस्टेफ़ानिया का जन्म 1973 में हुआ था और वह अपने माता-पिता के साथ दक्षिण मैड्रिड के वैलेकस में रहती थी। एस्टेफ़ानिया का एक छोटा भाई और एक छोटी बहन भी थी। उनके जीवन में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि एस्टेफेनिया के माता-पिता परेशान हो गए। इसकी वजह कोई और नहीं बल्कि खुद एस्टेफेनिया थीं।
एस्टेफेनिया का व्यवहार अचानक बदल गया। एस्टेफेनिया अजीब आवाजें निकालने लगी थी और कभी-कभी अपने भाई पर हमला भी कर देती थी। इतना ही नहीं वह अपने घर की दीवारों को नोचती थी। एस्टेफेनिया के परिवार वाले उसकी हरकतों से डरे हुए और चिंतित थे।
एस्टेफ़ानिया के माता-पिता ने इस बारे में एस्टेफ़ानिया से बात की और उससे पूछने की कोशिश की कि उसने ऐसा क्यों किया। एस्टेफ़ानिया जवाब दिया कि वह नहीं जानती कि वह ऐसा क्यों करती है। एस्टेफेनिया ने यह भी कहा कि कि उसे आधी रात में एक छाया दिखाई देती है और जब भी वह इसे देखती है तो वह अजीब हरकते करने लगती है। इन सब बातों के बाद, एस्टेफेनिया के माता-पिता की घबराहट बढ़ गई थी। वे इसलिए भी चिंतित थे क्योंकि एस्टेफेनिया की तबीयत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी।
एस्टेफेनिया की मौत
जब एस्टेफेनिया के माता-पिता ने थोड़ी और जांच की तो उन्होंने पाया कि एस्टेफेनिया जादू-टोना और भूत-प्रेत से संबंधित किताबें पढ़ती है। माता-पिता को लगा कि शायद इन किताबों ने एस्टेफेनिया को प्रभावित किया है इसलिए उन्होंने उन किताबों को एस्टेफेनिया के कमरे से हटा दिया। लेकिन इसके बावजूद एस्टेफेनिया की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।
उसके बाद, एस्टेफेनिया के माता-पिता मदद के लिए चर्च के पादरी से पूछते हैं, लेकिन वह भी एस्टेफेनिया की मदद नहीं कर पाते। उन्होंने चिकित्सा सहायता भी ली लेकिन एस्टेफेनिया की सभी रिपोर्टें सामान्य थीं। डॉक्टरों ने बताया कि एस्टेफेनिया मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह से फिट है। लेकिन फिर भी एस्टेफेनिया की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी।
उन्होंने एस्टेफेनिया को कुछ हफ्तों तक अस्पताल में रखा। एस्टेफेनिया के माता-पिता भी उससे मिलने आते थे और फिर एक दिन अस्पताल में एस्टेफेनिया की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। एस्टेफेनिया की मौत का कारण किसी को समझ में नहीं आया। डॉक्टर भी हैरान थे। जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो उन्होंने बताया कि एस्टेफेनिया की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है। परिवार के सभी लोग बहुत दुखी थे।
इसके बाद एस्टेफेनिया के माता-पिता ने कैथोलिक रीति-रिवाजों के साथ एस्टेफेनिया के शव को दफना दिया। एस्टेफेनिया के माता-पिता अपनी बड़ी बेटी से बहुत प्यार करते थे, इसलिए उन्होंने एस्टेफेनिया के सामान को उसके कमरे में ठीक वैसे ही रखा जैसे वह पहले था। एस्टेफेनिया की माँ ने कमरे की सफाई की और कमरे में ताला लगा दिया।
घर में शुरू हुई अपसामान्य गतिविधियां
लेकिन एक दिन, जब एस्टेफेनिया की माँ ने एस्टेफ़ानिया का कमरा खोला तो वह कमरे की हालत देखकर हैरान रह गई। कमरे के अंदर सब कुछ बिखरा हुआ था, सबसे पहले एस्टेफेनिया के माता-पिता ने सोचा कि यह किसी पड़ोसी का काम हो सकता है।
कुछ दिनों तक यह सब चलता रहा और फिर यह सब डरावना होने लगा। एस्टेफेनिया के कमरे से आवाजें आने लगी थी और आवाज़ें भी ऐसी लग रही थीं जैसे एस्टेफ़ानिया अपनी माँ को बुला रही हो। जब एस्टेफेनिया के माता-पिता ने दरवाजा खोला और इन आवाजों को सुनकर उसके कमरे में गए तो उन्होंने महसूस किया कि कमरे के अंदर बहुत ठंडी हवा चल रही थी, लेकिन खिड़की के बाहर हवा नहीं थी। वहीं कमरे की हालत काफी खराब थी।
एस्टेफेनिया के माता-पिता ने देखा कि दीवारों पर ताजा खरोंचने के निशान थे। ये निशान वैसे ही थे जैसे एस्टेफेनिया ने जीवित रहते बनाये थे। इन सभी घटनाओं से पूरा परिवार बहुत डरा हुआ था, जिसके कारण उन्होंने तय किया कि वे एस्टेफेनिया के कमरे को मजबूती से बंद कर देंगे ताकि कोई उस कमरे में प्रवेश न कर सके। लेकिन फिर उनकी उम्मीद के ठीक विपरीत हुआ। अगली रात, फिर से वही आवाजें सुनाई दीं, और यहां तक कि एस्टेफेनिया के कमरे का दरवाजा भी अपने आप खुल गया।
एस्टेफेनिया का परिवार अब इतना डर गया था कि उन्होंने फैसला किया कि वे अब इस बारे में अपने पड़ोसियों को बताएंगे। हालांकि उन्हें इस बात की चिंता थी कि कौन उन पर विश्वास करेगा? लेकिन फिर भी, एस्टेफेनिया के माता-पिता ने अपने पड़ोसियों से इस बारे में बात की और पड़ोसियों ने भी कहा कि उन्होंने भी रात में उनके घर से अजीब आवाजें सुनीं है और पड़ोसियों ने भी उस रात उन सभी घटनाओं को अपनी आंखों से देखा कि कैसे एस्टेफेनिया के कमरे से आवाजें आ रही हैं, कमरे में सब कुछ उल्टा है और कमरे में ठंडी हवा चल रही है।
एस्टिफ़ानिया के शिक्षक
फिर एक दिन, एस्टिफ़ानिया के स्कूल के कुछ शिक्षक एस्तफ़ानिया के घर आए, उनमें से एक नन थी। वह एस्टेफ़ाना के माता-पिता को कुछ ऐसी बातें बताती हैं, जिससे वे अपने घर में होने वाली घटनाओं के कारणों को काफी हद तक समझ जाते हैं। वह बताती है कि एस्टेफेनिया का एक बहुत करीबी दोस्त था जिसका एक प्रेमी था। उसके प्रेमी की बाइक दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसके बाद एस्टेफ़ाना की सहेली बहुत दुखी हो गई थी। फिर एक दिन वह स्कूल के पीछे गई, जहाँ उसने चार लड़कियों को देखा, जिनमें से एक एस्टेफ़ानिया थी और उसकी एक दोस्त जिसका प्रेमी मर गया था।
उसने देखा कि चारों एक लकड़ी के बक्से के चारों ओर बैठे हैं और ऊपर शीशा लगा हुआ है। उसके बाद, वह तुरंत वहाँ गई और बक्सा तोड़ दिया और उसने देखा कि उसमें से एक सफेद रंग का धुआँ निकला और एस्टिफ़ानिया की नाक और मुँह से एस्टेफ़ानिया के अंदर चला गया।
उसने इस बारे में एस्टेफेनिया और उसके दोस्तों से बात की। उसे पता चला कि एस्टेफ़ानिया भूतों और तांत्रिकों से संबंधित किताबें पढ़ती है। वह मानती है कि वह भूतों और आत्माओं से बात कर सकते है और इसीलिए वह अपने दोस्त के प्रेमी की आत्मा को बुलाकर अपने दोस्त से बात करना चाहती थी। जिसके बाद उसने चारों को वहां से भेज दिया।
एस्टेफेनिया की मौत के पीछे का कारण
यह सब एस्टेफेनिया की मृत्यु से 7-8 महीने पहले हुआ था और उस समय के आसपास एस्टेफेनिया के व्यवहार में बदलाव आया था। एस्टेफेनिया के माता-पिता उन सभी घटनाओं के पीछे का कारण समझ गए थे।
एस्टेफेनिया के माता-पिता ने सोचा था कि एस्टेफेनिया भूतों से बात कर सकती है, लेकिन अब वह भूत की तरह घर में घूम रही है, शायद उनसे बात करने की कोशिश भी कर रही है। जिसके बाद वह वापस एस्टेफेनिया के कमरे में जाती है और देखती है कि कमरे में जीसस की तस्वीर दीवार पर उलटी है और एस्टेफेनिया की फोटो भी नीचे जमीन पर पड़ी थी।
एस्टेफ़ानिया की माँ उसकी तस्वीर लेने लगती है और जैसे ही वह उसे उठाती है, तस्वीर को वापस फर्श पर गिरा देती है। जब एस्टेफेनिया के पिता यह देखते हैं तो उन्हें समझ में नहीं आता कि उनकी पत्नी ने तस्वीर को वापस क्यों छोड़ दिया। तो वह फोटो लेने के लिए झुक जाते है। जब एस्टेफेनिया के पिता तस्वीर को उठाते हैं और उसे घुमाते हैं, तो वह डर जाता है।
एस्टेफ़ानिया की तस्वीर अपने आप जलने लगती है, और एस्टेफ़ाना के पिता भी उस तस्वीर को गिरा देते हैं और माता-पिता दोनों कमरे से बाहर आ जाते हैं।
सुबह में, एस्टेफेनिया के माता-पिता प्लंबर को बुलाते हैं, और वे प्लंबर को एस्टेफेनिया के कमरे को कसकर बंद करने के लिए कहते हैं। इसके अलावा उन्होंने एस्टेफेनिया के कमरे के दरवाजे के सामने ढेर सारा फर्नीचर लगा दिया, जिससे वह दरवाज़ा बिलकुल न खुल सके। इस बार आवाज पहले से ज्यादा तेज थी और ऐसा लग रहा था जैसे कोई कमरे से बाहर आना चाहता है। एस्टेफेनिया के कमरे का ताला अस्वाभाविक रूप से खुलता है, और फिर उस रात भी ऐसा ही होता है।
स्पेन पुलिस का प्रवेश
लाजारो के परिवार ने घर छोड़ने के बारे में सोचा क्योंकि ये घटनाएं थम नहीं रही थीं और वे इस तरह डर में कितनी रातें बिताएंगे। हालाँकि, वे केवल इन सब बातों के बारे में सिर्फ सोच रहे थे लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं किया था।
फिर उस रात कुछ ऐसा हुआ जो अब तक नहीं हुआ था। उस रात, जब एस्टेफेनिया की माँ सो रही थी, उसे अचानक लगा कि कोई उसकी छाती पर कोई है और उसका गला घोंट रहा है। उसने अपना हाथ हटाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह उसे हटा नहीं पाई, लेकिन फिर किसी तरह खुद को संभाल पाई।
इस घटना के बाद परिवार ने उसी रात पुलिस को फोन किया। फोन कॉल के कुछ देर बाद ही पुलिस एस्तफानिया के घर पहुंच गई। पुलिस जब घर के अंदर आई तो देखा कि पूरा परिवार डरा हुआ है तो उन्होंने उनसे पूछा। तब एस्टेफ़ाना की माँ ने पुलिस प्रमुख को सब कुछ बता दिया।
पुलिस को घर में बड़ा अजीब लग रहा था। उन्हें घर के अंदर ठंड लग रही थी। और फिर,जब उन्होंने उन आवाजों को सुना, तो उन्होंने पूछा कि क्या घर में और कोई है? एस्टेफेनिया की मां उन्हें कहती हैं, घर में और कोई नहीं, लेकिन ये आवाजें कई महीनों से आ रही हैं।
एस्टेफेनिया की मां ने तब पुलिस को पूरी कहानी सुनाई, जिसके बाद उन्होंने कहा कि वे एस्टेफेनिया का कमरा देखना चाहते हैं। जब वे कमरे में गए तो देखा कि सारी तस्वीरें उलटी थीं। कमरे का सारा सामान बिखरा पड़ा था। अचानक कमरे में तेज हवा चलने लगी।
लेकिन जब उन्होंने खिड़की खोली तो बाहर हवा नहीं थी। जिसके बाद पुलिस को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? फिर वे वहां से चले जाते हैं। पुलिस फिर से आती है और परिवार की सारी कहानियाँ सुनती है। एस्टेफ़ानिया के पिता उन्हें बताते हैं कि जिस कमरे में उनका छोटा बेटा सोता है, उसमें दो पलंग हैं। वे उसे एक बिस्तर पर सुलाते हैं, लेकिन वह फुटबॉल की तरह दूसरे बिस्तर पर पहुँच जाता है।
पुलिस को उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ। उन्हें पता चलता है कि ये सारी घटनाएं रात के समय ही होती हैं। इसलिए पुलिस ने रात के लिए वहीं रुकने का फैसला किया। रात हो चुकी है, और एस्टेफ़ाना के पिता पुलिस को अपने बेटे के कमरे में ले जाते हैं और थोड़ी देर बाद, वे यह सब अपनी आँखों से देखते हैं।
पुलिस के सामने सब कुछ होने लगता है और वही डरावनी आवाजें आने लगती हैं। जिसके बाद ये सब पुलिस अपनी रिपोर्ट में लिखती है। घर में जो देखा पुलिस ने वही बताया। जिसके बाद यह घटना मीडिया की नजरों में आ गई। लंबे समय तक यह चर्चा का विषय बना रहा। इस पर काफी छानबीन की गई, लेकिन उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे वे कह सकें कि इन घटनाओं के पीछे कोई इंसान है।
इसके बाद पुलिस एस्टेफाना के परिवार को यह घर छोड़ने की सलाह भी देती है, तब कुछ बदल सकता है। हालांकि, वे पहले से ही इस घर को छोड़ने की सोच रहे थे। आखिरकार, उन्होंने फैसला किया कि वे लुई हरिजन 8 अपार्टमेंट छोड़ देंगे। उसके बाद वे कहीं और शिफ्ट हो गए और ये सब अपसामान्य गतिविधियां होना बंद हो गईं। यह कहानी आज भी स्पेन में मशहूर है।
इसके अलावा यह एक ऐसी अपसामान्य घटना भी है जिसका सरकारी रिकॉर्ड है। इस पर एक फिल्म है, वेरोनिका।